उम्मीद है मिथिलांचल की कुछ लड़कियां पढ़ ही लेंगी
जैसा कुछ गाया जाता है और दूसरे में – “तोहरे भरोसे ब्रह्मबाबा, झिझिया बनैलिये, झिझिया पर होईय सवार” जैसा कुछ गाया जाता है। ये कहानी जादू-टोने की है। बिलकुल वैसी…
जैसा कुछ गाया जाता है और दूसरे में – “तोहरे भरोसे ब्रह्मबाबा, झिझिया बनैलिये, झिझिया पर होईय सवार” जैसा कुछ गाया जाता है। ये कहानी जादू-टोने की है। बिलकुल वैसी…
कई पूजा पाठ के सामान की दुकानों में भी गीता प्रेस वाली मिल जायेगी। मूल्य भी ज्यादा नहीं। केवल लाने में जो आलस्य है, उतनी ही बाधा है। दुर्गा सप्तशती…
चालीस-पैंतालिस या उससे कम आयु वालों के हाथों में भविष्य को थोड़ा सा बदलना तो होता है, कम से कम वो किया जा सकता है। हम “शुगर फ्री पीढ़ी” क्यों…