धर्म निरपेक्षता केवल हिंसा , अत्याचार व अराजकता की स्थापना कर सकती है
यदि हिन्दू धर्म, चार स्तम्भों : धर्म , अर्थ, काम व मोक्ष पर आधारित है तो धर्म निरपेक्षता सामाजिक रूप से राष्ट्रद्रोह है तथा व्यक्तिगत रूप से सबसे बड़ा अधर्म…
यदि हिन्दू धर्म, चार स्तम्भों : धर्म , अर्थ, काम व मोक्ष पर आधारित है तो धर्म निरपेक्षता सामाजिक रूप से राष्ट्रद्रोह है तथा व्यक्तिगत रूप से सबसे बड़ा अधर्म…
उसने अपने स्तनों के ऊपर हलाहल विष पोत लिया था। अमृत के ऊपर विष का आवरण… दस दिन के बालक के साथ पहला छल हो रहा था।क्या अद्भुत सौंदर्य धारण…
सम्भवामि युगे युगे… अधर्म जैसे अपने चरम पर पहुँच चुका था। मथुरा में बैठा कंस स्वयं को ईश्वर बताता था, तो उधर मगध नरेश जरासंध भी ईश्वरत्व का दर्प लिए…