सम्भावामि युगे युगे

सम्भवामि युगे युगे… अधर्म जैसे अपने चरम पर पहुँच चुका था। मथुरा में बैठा कंस स्वयं को ईश्वर बताता था, तो उधर मगध नरेश जरासंध भी ईश्वरत्व का दर्प लिए…

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बंगाल का इतिहास और वर्तमान बिल्कुल मेल नही खाता

किसी भी समूह की ऊर्जा को बिल्कुल ही गलत दिशा में झोंक देना वामपंथियों का ही काम है, उन्हें मौका मिले तो वे किसी भी देश या सभ्यता का नाश…

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