सुनिये! अधर्म की शक्ति से भयभीत मत होइए, धर्म उसे केवल दूध पी कर भी मार देता है

उसने अपने स्तनों के ऊपर हलाहल विष पोत लिया था। अमृत के ऊपर विष का आवरण… दस दिन के बालक के साथ पहला छल हो रहा था।क्या अद्भुत सौंदर्य धारण…

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सम्भावामि युगे युगे

सम्भवामि युगे युगे… अधर्म जैसे अपने चरम पर पहुँच चुका था। मथुरा में बैठा कंस स्वयं को ईश्वर बताता था, तो उधर मगध नरेश जरासंध भी ईश्वरत्व का दर्प लिए…

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